विकी गोंडर का असली नाम हरजिंदर सिंह भुल्लर है. विकी गोंडर बचपन में अपने गांव का स्टार था. उसके परिवार और गांव के लोग उस पर गर्व करते थे, क्योंकि वह नेशनल लेवल का खिलाड़ी था, और उसने कई मेडल जीते थे. लेकिन बाद में जब उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा, तो परिवार और गांव वालों ने उससे रिश्ता तोड़ लिया. विकी गोंडर हाईवे डकैत के तौर पर काफी फेमस है. वह पंजाब में मुख़्तसर जिले के सरावा बोदला गांव का रहने वाला है. यह गांव प्रकाश सिंह बादल के विधानसभा क्षेत्र लांबी में आता है.
विकी गोंडर डिस्कस थ्रो में नेशनल लेवल का खिलाड़ी रह चुका है, और इसने इस खेल में तीन गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल जीतकर अपने गांव का नाम रोशन किया था. विकी डिस्कस थ्रो का प्रतिभाशाली खिलाड़ी था. मिडिल स्कूल में स्टेट लेवल पर मेडल जीतने के बाद उसने आगे की ट्रेनिंग और पढ़ाई के लिए जालंधर में स्पीड फंड एकेडमी ज्वाइन कर लिया. वह इतना अच्छा खिलाड़ी था कि उसके कोच भी उस पर गर्व करते थे. लेकिन बाद में कोच ने उसके मां-बाप को यह बात बताई थी की वह छोटी-छोटी बात पर गुस्सा हो जाता है.
क्रोधी स्वभाव के विकी गोंडर ने बाद में अपराध की दुनिया में कदम रख दिया और हाईवे पर डाका डालने लगा. उसकी आपराधिक गतिविधियों की वजह से उसके परिवार ने उससे किनारा कर लिया. विकी के पिता मेहर सिंह का कहना है कि, जब वह अपराधिक बन गया तो हमने उससे रिश्ता तोड़ लिया. जनवरी 2015 में गैंगस्टर सुक्खा काहलवां के मर्डर के बाद विकी गोंडर सुर्खियों में आ गया. दिसंबर 2015 में तरनतारन पुलिस ने उसे सुक्खा मर्डर में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद विकी को रोपड़ जेल में रखा गया था. लेकिन वहां एक लड़ाई के बाद उसे नाभा जेल शिफ्ट कर दिया गया.
30 अप्रैल को गैंगस्टर जसविंदर सिंह रॉकी के मर्डर के बाद विक्की ने नाभा जेल से फेसबुक पोस्ट लिखकर इस पर अपनी खुशी जाहिर की, इसने एक बार भटिंडा के एस.एस.पी. स्वप्न शर्मा को नाभा जेल से फोन करके धमकाया था. रॉकी मर्डर के बाद उसने फ़ेसबुक पर लिखा था कि एस.एस.पी. की रॉकी से दोस्ती थी. मुख़्तसर के एसएसपी का कहना है कि पंजाब में विकी पर मर्डर और हाईवे डकैती के 10 से ज्यादा मामले दर्ज है और हरियाणा में भी कई केस उसके खिलाफ चल रहे हैं.
27 नवंबर 2016 को 10 से 12 लोग पुलिस की वर्दी पहनकर कड़ी सुरक्षा वाले नाभा जेल पर हमला करके विकी गोंडर सहित कुल 6 लोगों को वहां से फरार करा देते हैं. हमलावर दो गाड़ियों में आए थे और वे हथियार से पूरी तरह लैस है थे. उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से नाभा जेल में हमला किया और जेल के तीन स्तरीय सुरक्षा को तोड़ते हुए विकी गोंडर, हरमिंदर सिंह मिंटू, कश्मीर सिंह, गुरप्रीत सेखों और नीतू देओल को जेल से फरार करने में कामयाब हो जाते हैं.
अभी कुछ दिनों पहले ही विकी गोंडर और उसके साथियों के मोबाइल फोन की लोकेशन गुरदासपुर में ट्रेन हुई थी. पुलिस ने संदिग्ध ठिकानों की घेराबंदी करके तलाशी अभियान चलाया. हालांकि अभी तक इस मामले में पुलिस को कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है. विकी गोंडर और उसके साथियों की लोकेशन साइबर क्राइम की स्पेशल टीम द्वारा की गई थी. जेल से फरार होने के बाद अब तक वह अपने कई दुश्मनों को मौत की नींद सुला चुका है. तो कुछ ऐसी है विक्की गौंडर की कहानी