गैंगस्टर सुक्खा काहलवां Sukha Kahlon का पूरा नाम सुखबीर सिंह काहलवां है. इसका ज्यादातर समय करतारपुर के काहलवां गांव में बीता है. इसने अपना प्रचलित सरनेम काहलवां अपने गांव के नाम पर ही रखा है. इसके पिता का नाम सुदर्शन सिंह तथा इसकी माता का नाम हरजिंदर कौर है. इसके माता पिता दोनों ही NRI हैं. सुक्खा पर 40 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे. जिसमें से दो हत्या, 7 हत्या के प्रयास तथा आठ लूट के मामले थे
दोस्तों सुक्खा का परिवार अमेरिका में बसा है. सुक्खा की भी एक रिसोर्ट मालिक की बेटी के साथ लव मैरिज हुई थी, और वह ऑस्ट्रेलिया चला गया था. पर वहां पत्नी के साथ विवाद होने की वजह से वह वापस जालंधर आ गया इसके बाद वह बुरी संगत में पड़ गया और यहीं से एक कुख्यात गैंगस्टर सुक्खा काहलवां का जन्म हुआ. सुक्खा की मौत के 6 महीने पहले ही उसके भाई की कपूरथला जेल में मौत हो गई थी. सुक्खा की मौत के कुछ साल पहले ही उसे प्रधान सुदर्शन ढिल्लो की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
सुखा किस्मत का धनी था उसका 4 बार पुलिस से सामना हुआ मगर हर बार वह पुलिस की गोली से बच गया. जालंधर पुलिस की हिरासत से अक्टूबर 2010 में फरार होने के दौरान भी वह पुलिस की गोली से बचा था. इसके बाद वह 2012 में रोपड़ में पुलिस हिरासत से भाग गया था. राजस्थान पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई तो सुक्खा का साथी मारा गया मगर वह पुलिस की गोली से बच गया था. सुक्खा यामीन नामक यूपी के गैंगस्टर के साथ मिलकर लाखों का सोना लूटा था. इसी माल के बंटवारे को लेकर यामीन ने सुक्खा का गला रेतकर उसे यमुना नदी में फेंक दिया मगर इस बार भी सुक्खा बच गया था.
दोस्तों सुक्खा को सोशल मीडिया का भी बहुत शौक था. वह फ़ेसबुक पर हमेशा एक्टिव रहता था. जेल में रहने के दौरान भी अपडेट करता रहता था. उसके फैन पेज पर 83,000 फॉलोवर्स है, इसी नाम के एक और फैन पेज पर 1,30,000 से भी ज्यादा फॉलोअर्स है, जब भी वह गन के साथ कोई फोटो पोस्ट करता था तो उसे बहुत लाइक मिलते थे. सुक्खा की हत्या उस समय हुई जब उसे नाभा जेल से निकालकर डिस्ट्रिक्ट जज के सामने पेश करने के लिए ले जाया जा रहा था.
दोस्तो कोई इंसान जन्म से अपराधी नहीं होता, बल्कि समय और हालात उसे अपराधी बना देते हैं. सुक्खा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. सुक्खा के नाना परमजीत सिंह बताते हैं, सुक्खा भी बाकी लड़कों की तरह सीधा-साधा लड़का था. दसवीं कक्षा में पढ़ते समय सुक्खा भी बाकी युवकों की तरह विदेश जाने के सपने दिल में सजा कर बैठा था. इसी बीच गांव में दो लोगों की आपसी लड़ाई हुई और उस लड़ाई में सुक्खा का नाम नाजायज तौर पर लिखा दिया गया, और पुलिस केस बन गया और इसी केश के साथ सुक्खा जुर्म की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया.
दोस्तों जालंधर पुलिस ने जब 2015 में सुक्खा के जिगरी यार दलजीत भाना को गिरफ्तार किया था तो उस समय भाना ने सुक्खा की जिंदगी को लेकर कई खुलासे किए थे. लेकिन सबसे बड़ा खुलासा उसने सुक्खा की लव मैरिज को लेकर किया था. दलजीत भाना ने बताया कि सुक्खा काहलवां एक लड़की से प्यार करता था, और वह लड़की भी सुक्खा से उतना ही प्यार करती थी. दोनों शादी करना चाहते थे. लेकिन लड़की के घर वाले इस शादी के लिए राजी नहीं थे.
इसी वजह से लड़की के घरवालों ने लड़की को ऑस्ट्रेलिया भेज दिया. ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद भी लड़की ने सुक्खा का पीछा नहीं छोड़ा और वह सुक्खा को फोन करती रहती थी. यह सब देखने के बाद सुक्खा के दोस्तों ने लड़की को भारत बुलाया और इनके घर वालों को बताए बिना ही इनकी शादी करवा दी. शादी हो जाने के बाद लड़की के घरवाले भी मान गए. इसके बाद सुक्खा अपनी पत्नी को साथ लेकर ऑस्ट्रेलिया चला गया था.
ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद कुछ दिनों तक सब ठीक चलता रहा. लेकिन एक दिन वहां किसी ने सुक्खा पर चाकू से हमला किया. सुक्खा को शक था कि जिस व्यक्ति ने उस पर हमला किया है, उसकी पत्नी का उसके साथ अवैध संबंध है. इसी वजह से सुक्खा अपनी पत्नी को छोड़कर वापस पंजाब आगया. घरवालों के लाख बोलने के बावजूद वह वापस पत्नी के पास नहीं गया. इसी दौरान सुक्खा ने लवली बाबा का कत्ल करके फरार हो गया. जिसके बाद वह जुल्म की दुनिया में बढ़ता ही चला गया. अंततः पुलिस कस्टडी में पेशी के दौरान फगवाड़ा के पास गोलियां मारकर सुक्खा का कत्ल कर दिया गया.
कुख्यात गैंगस्टर सुक्खा काहलवां की 21 जनवरी 2015 को पुलिस की मौजूदगी में 15 से 20 हमलावरों ने सुक्खा पर 60 से ज्यादा गोलियां दाग कर उसकी निर्मम हत्या कर दी थी. उस दिन पंजाब पुलिस सुक्खा को नाभा जेल से जालंधर अदालत में पेसी के लिए लेकर गई थी. जालंधर अदालत में पेसी भुगतने के बाद गैंगस्टर सुक्खा को वापस नाभा जेल ले जा रहे थे, उस समय सुक्खा के साथ 2 थानेदार, 3 हवलदार और 2 सिपाही मौजूद थे
फगवाड़ा के जमालपुर गांव के करीब पुलिस वैन जिसमें सुक्खा काहलवां बैठा हुआ था उसे फिल्मी स्टाइल में पहुंची दो फॉर्च्यूनर ने घेर लिया और फॉर्च्यूनर में बैठे गैंगस्टरों ने पुलिस वैन पर धुआंधार फायरिंग करना शुरू कर दिया. इसके बाद 15 गैंगस्टरों की टोली जो कि पिस्टल और डबल बैरल गन से लैस थी ने पुलिस जीप चालक व उनके साथ बैठे थानेदारों और हवलदारों को पिस्टल की नोक पर लिया और पुलिस के हाथों से उनकी गन छीन ली. इसी दौरान अन्य गैंगस्टरों ने सुक्खा पर एक के बाद एक करके 60 से अधिक फायर दागे, जिससे मौके पर ही सुक्खा की मौत हो गई थी.
सुक्खा की हत्या के बाद सभी आरोपियों ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी में सुक्खा की डेड बॉडी के पास जमकर भांगड़ा डाला और पुलिस जीप के ड्राइवर को डंके की चोट पर एलान करते हुए कहा कि जब इसकी जांच करने पुलिस के आला अधिकारी आएंगे तो उनको बता देना कि यह हत्या मलोट के गौंडर गैंग ने की है. इस हत्या के बाद जब सुक्खा के माता-पिता अमेरिका से भारत पहुंचे तो उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि सुक्खा अपनी हत्या की साजिश से अनजान नहीं था, उसे पता था कि गौंडर और प्रेमा लाहौरिया उसकी हत्या की योजना बना रहे हैं
सुक्खा की हत्या के बाद पकड़े गए गैंगस्टरों ने पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर बहुत से खुलासे किये. पहले इन्होंने सुक्खा को कचहरी की पार्किंग में मारने का प्लान बनाया था, लेकिन कचहरी के रास्ते में ट्रैफिक लाइट और फाटक होने की वजह से इस योजना को टाल दिया गया, क्योंकि ट्रैफिक लाइट और फाटक की वजह से हत्या करके भागना आसान नहीं होता, इसी वजह से सुक्खा का कत्ल करने के लिए फगवाड़ा में जगह चुनी गई और 21 जनवरी 2015 को इस हत्या को अंजाम दिया गया.
रिकॉर्ड के अनुसार सुक्खा का कत्ल सुक्खा ग्रुप द्वारा किए गए 3 हत्याओं का बदला लेने के लिए किया गया था. सुक्खा के कत्ल के 6 साल पहले सुक्खा की तरफ से लवली बाबा नाम के युवक की हत्या कर दी गई थी, लवली बाबा के कत्ल के बाद इसके समर्थक सुक्खा से बदला लेना चाहते थे, लवली बाबा की हत्या के बाद कई गैंगवार हुए पर यह गैंगवार तब भयानक रूप धारण कर ली जब जिम जाते समय दीपांश और सिमरन का कत्ल कर दिया गया था. कहीं ना कहीं यह तीनों कत्ल ही सुखा की मौत का कारण बने और पहले से ही सुक्खा के खिलाफ चल रहे विक्की गौंडर ने सुक्खे के कत्ल की साजिश रची थी. दोस्तों तो कुछ ऐसी थी सुक्खा आखरी कहानी