Sonu Dariyapur Real Storys & Biography


सोनू दरियापुर का रियल नेम सत्यवान सेहरावत हैं. यह बवाना के दरियापुर का रहने वाला है. यह हत्या और फिरौती जैसे 10 से ज्यादा बड़े अपराधों में वांटेड था. इसे इस वक्त दिल्ली का सबसे बड़ा गैंगस्टर बताया गया है. सोनू पर दिल्ली पुलिस ने  5 लाख तथा हरियाणा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था. इसे हाल में ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नरेला से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के समय सोनू उसी आई-20 कार में था जिसको मोनू दरियापुर समेत 3 लोगों की हत्या में इस्तेमाल किया गया था.



सोनू ने साल 2008 में मोनू व उसकी पत्नी पर जानलेवा हमला किया था. जिसमें मोनू के ड्राइवर की मौत हो गई थी. इस मामले में अदालत में सोनू समेत 9 बदमाशों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बेल पर जेल से बाहर आने के बाद सोनू पेरोल जंप करके फरार हो गया. इसके बाद सोनू ने मोनू के भाई सुधीर की नजफगढ़ में हत्या कर दी, तब से मोनू को पुलिस सुरक्षा मिली हुई थी. इसके बाद भी सोनू अपने साथियों के साथ मिलकर 30 अप्रैल 2017 को मोनू दरियापुर, आरू और ईएसआई विजय को गोलियों से भूनकर मार दिया था. इस हमले में एक सिपाही कुलदीप भी गंभीर रूप से घायल हुआ था.



दोस्तों पुलिस सूत्रों के अनुसार सोनू बतौर गैंगस्टर तो बेहद कुख्यात है, लेकिन अपने लोगों में बेहद नरम दिल माना जाता है. वह खुद से जुड़े कई बेसहारा परिवारों का सहारा है, उसने अपने रिश्तेदारों और गैंग से जुड़े लोगों की हर तरीके से मदद करके उनके दिलों में गहरी जगह बनाई हुई है. इसलिए पुलिस के लिए उसकी खबर निकालना आसान नहीं था. सोनू पर उसके रिश्तेदारों के जरिए सरेंडर करने का भी काफी दबाव बनाया गया था, लेकिन उस समय वह तैयार नहीं हुआ था.



पुलिस सूत्रों के अनुसार सोनू दरियापुर और मोनू दरियापुर एक समय दोस्त हुआ करते थे. दोनों की आपराधिक जोड़ी बवाना व उसके आसपास चर्चा में रही है. मगर दोनों की दोस्ती उस समय दुश्मनी में बदल गई जब मोनू दरियापुर का अफेयर सोनू की बहन राजरानी से हुआ. परिवार वालों द्वारा लगातार बढ़ते विरोध को देखते हुए दोस्तों के सहयोग से मोनू और राजरानी आर्य समाज मंदिर में जाकर शादी कर ली. इसी शादी के बाद दोनों परिवारों में दुश्मनी शुरू हुई थी. तो कुछ ऐसी है सोनू दरियापुर की कहानी.