Shera Khuban Real Storys & Biography


शेरा खुब्बन का रियल नेम गुरशहीद सिंह तथा उसके पिता का नाम जानरेल सिंह है. उसके पिता उसे एक हैमर थ्रोवर खिलाड़ी बनाना चाहते थे और उनका सपना था कि वह ओलंपिक भी खेले. लेकिन गुरशहीद सिंह एथलीट बनता-बनता कब शेरा शूटर बन गया पता ही नहीं चला. स्कूल के समय वह आसानी से डिस्ट्रिक्ट और स्टेट लेवल पर मेडल जीत लेता था. इसके बाद उसके पिता को लगा कि इसे नेशनल लेवल पर जाने के लिए किसी प्रोफेशनल कोच की जरूरत पड़ेगी. इसलिए उस से जालंधर या लुधियाना भेजने का फैसला लिया.

अब शेरा का भी एक ही सपना था कि वह एथलीट बनकर नेशनल लेवल पर खेलें, पर जिस दिन जालंधर में सिलेक्शन के लिए ट्रायल चल रहा था उसी दिन शाम 4:00 बजे 10 से 15 लड़के आकर शेरा के गले पड़ने लगे और उसे मारा भी. इसमें शेरा को काफी चोट आई और उसे टांके भी लगे. यही वह समय था जो उसके हाथ से निकल गया. अगर उस दिन शेरा ट्रायल में शामिल होकर सिलेक्ट हो जाता तो शायद वह आज एक नेशनल लेवल का एथलीट होता.

इस घटना के बाद शेरा के दोस्त चंडीगढ़ से आकर उन लोगों को पीटा जिन्होंने ट्रायल के दिन शेरा को मारा था. इसके बाद शेरा अपने दोस्तों का एहसानमंद हो गया और उनकी गैंग में शामिल हो गया. इधर घर पर उसके माता-पिता उसके एथलीट बनने का इंतजार कर रहे थे, और उधर शेरा शार्प-शूटर बनने के हुनर सीख रहा था. कॉलेज के दौरान ही जब एक केस में उसे जेल जाना पड़ा तभी जेल में उसकी मुलाकात जसविंदर सिंह रॉकी से हुई. जब शेरा पहली बार जेल गया उसके बाद से जुर्म, गोली और जेल शेरा के लिए आम बात हो गई.

उस समय तक शेरा पर डकैती, हत्या और हत्या के प्रयास के आधा दर्जन केस चल रहे थे. शेरा जमानत पर जेल से बाहर आता जुर्म करता और उसे वापस जेल हो जाती. शेरा के घर वालों ने उसे बहुत समझाया कि वह जुर्म की दुनिया छोड़ दे, पर शेरा ने उनकी एक ना सुनी और जुर्म पर जुर्म करता चला गया. कहा जाता है कि जब वह जमानत पर अपने गांव आया था तो गाड़ियों का काफिला उसके साथ था. उस काफिले मे 500 से भी ज्यादा गाड़ियां थी

शेरा और जसविंदर सिंह रॉकी की दोस्ती बहुत दिनों तक चली, किंतु शेरा द्वारा हैप्पी देवरा के क़त्ल के बाद शेरा और रॉकी एक दूसरे के दुश्मन बन गए. शेरा ने हैप्पी देवरा को सरेआम गोली मारी थी. जसविंदर सिंह रॉकी हैप्पी देवरा को अपना साथी मानता था, इसी वजह से हैप्पी देवरा के कत्ल के बाद रॉकी शेरा का दुश्मन बन गया, उस समय शेरा का साथ उसके पुराने दोस्त जयपाल भुल्लर ने दिया था. जयपाल भी हैमर-थ्रो खिलाड़ी था.

हैप्पी देवरा को गोली मारने के बाद शेरा गैंगस्टर की दुनिया का बड़ा नाम बन गया था, पर आखिरकार वह दिन भी आ गया जब पुलिस को शेरा के बठिंडा शहर में होने की खबर मिली. लोगों का कहना है कि जसविंदर सिंह रॉकी ने ही पुलिस को यह खबर दी थी, उस दिन पुलिस द्वारा हुए एनकाउंटर में शेरा मारा गया. मगर शेरा के पिता का मानना है कि यह एनकाउंटर नहीं था बल्कि पुलिसवालों को पैसे देकर शेरा को मरवाया गया.