RUPINDER GANDHI Real Storys & Biography


2015 में आई एक पंजाबी फिल्म रुपिंदर गांधी द गैंगस्टर में रुपिंदर गांधी की जिंदगी को दर्शाया गया है. रुपिंदर का जन्म 2 अक्टूबर को हुआ था. इसी वजह से पिता ने गांधी नाम रखने का फैसला किया. 22 वर्ष की उम्र में ही वह गांव का सरपंच बन गया था. इतना ही नहीं वह राष्ट्रीय स्तर का फुटबॉल खिलाड़ी, चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी का छात्र और स्थानीय यूथ आइकॉन था. गांव वालों के लिए वह एक प्यारा लड़का था, पर गांव के बाहर लोग उसके नाम से कांपते थे. गांधी की जिंदगी में जल्द ही चीजें बदल गई. गांव की प्रसिद्ध लड़की की छोटी लड़ाईयां गैंग-वार में बदल गई, सड़कों पर हथियार लहराए जाने लगे और रुपिंदर के लिए जो आदर था वह भय में बदल गया.

लुधियाना जिले के रासूलरा गांव का रहने वाला गांधी अपने नाम की उलट हिंसा का पर्याय बन गया. आज से करीब 14 साल पहले उसकी निर्मम हत्या कर दी गई. रुपिंदर गांधी दि-गैंगस्टर मूवी में इस हत्या को विस्तार से दिखाया गया है. रुपिंदर गांधी की हत्या के आरोपी कुलदीप सिंह अट्टी को पिछले साल किसी ने गोली मार दी. गोली किसने मारी इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी. अट्टी के खिलाफ गांधी को किडनैप करके उसकी हत्या करने के मामले में केस दर्ज हुआ था. मामला अभी अदालत में लंबित है और अट्टी जमानत पर बाहर है. अट्टी को गोली गुप्तांग के पास लगी थी. और वह Activa चलाकर हॉस्पिटल पहुंचा था.

दोस्तों रुपिंदर गांधी के गांव के लोग उन्हें एक ऐसे शख्स के रूप में याद करते हैं जो राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी था, लड़कियों की शादी में लोगों की मदद करता था और गरीब बच्चों के लिए दवाई लाता था. मगर गांव के बाहर उसके खिलाफ मारपीट, अवैध हथियार रखने और हत्या तक के केस दर्ज थे. पर उसके गांव वालों को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ा उन्हें तो इस बात की खुशी है कि उनके गांव के सरपंच के ऊपर कोई मूवी बनी है.

अभी कुछ महीने पहले ही रुपिंदर गांधी के भाई मनविंदर मिंदी पर कुछ अज्ञात लोगों ने फायरिंग की. जिसके बाद मिंदी गंभीर रूप से घायल हो गया था. उसे इलाज के लिए लुधियाना के अपोलो अस्पताल ले जाया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.  यह भी बताया गया था कि मिंदी पर हमला करने के बाद हमलावर रास्ते से किसी की कार चुरा कर फरार हो गए थे. अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि हिंदी का कत्ल किस इरादे से किया गया है.

वही पुलिस की छानबीन करने में जुटी है, दोस्तों रुपिंदर गांधी के गांव के लोग कहते हैं कि वह हमारे हीरो हैं, हम उनकी यूनियन के सदस्य बनना चाहते हैं, और उनकी याद में काम करना चाहते हैं. गांव में गांधी के फैंस बताते हैं हमें नहीं पता कि वह बाहर क्या थे और किन मामलों में वह शामिल थे, हम तो बस इतना जानते हैं कि, वह हमेशा बड़ों की इज्जत करते थे और गरीबों की मदद करते थे. कुछ ऐसी थी रुपिंदर गांधी की कहानी