गैंगस्टर से नेता बने पंजाब के जसविंदर सिंह रॉकी ने जुर्म के रास्ते पर चलकर सियासत की सीढ़ी चढ़ी तो जरूर पर मंजिल मिलने से पहले ही जिंदगी ने उसका साथ छोड़ दिया. पुलिस सुरक्षा होने के बावजूद रॉकी अपनी जिंदगी ना बचा सका, रॉकी उसी इंसान के गोली का शिकार बना जो कभी उसका साथी हुआ करता था. जिस वक्त रॉकी की गाड़ी पर हमला हुआ उस समय वह शिमला से चंडीगढ़ की ओर आ रहा था. इस हमले में वह बुरी तरह घायल हो गया बाद में उसकी मौत हो गई.
दोस्तों रॉकी ने 2012 विधानसभा का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था और वह बि.जे.पी. उम्मीदवार से सिर्फ 16 वोटों से पीछे था, रॉकी फजिल्का 2017 विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहता था, किस पार्टी से चुनाव लड़ना है यह फैसला लेना बाकी था. इस बार भी रॉकी की तैयारी पूरी थी, इसी वजह से रॉकी के दुश्मनों को लगने लगा कि अगर यह चुनाव जीत गया तो उसके बाद इससे बदला लेना आसान नहीं होगा, इसीलिए उन्होंने प्लान बनाकर रॉकी की गाड़ी पर हमला कर दिया और उसकी हत्या कर दी.
दोस्तों रॉकी फजिल्का का रहने वाला था तथा वहां 80-90 एकड़ जमीन का मालिक था. पर जवानी की दहलीज पार करते हि वह गलत संगति में पढ़कर जुर्म की दुनिया में उतर गया. आपको बता दें कि रॉकी पर 20 से भी ज्यादा आपराधिक मामले चल रहे थे. हालांकि कुछ मामलों में कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था. जुर्म की दुनिया में रॉकी की पहचान खतरनाक गैंगस्टर प्रभजिंदर सिंह डिंपी के आदमी के तौर पर होने लगी थी. डिंपी की पहचान उत्तर प्रदेश तथा बिहार के नामी गुंडों से थी और रॉकी इसी गैंग का सदस्य बन गया था.
2006 में गैंगस्टर डिंपी का कत्ल हो गया. इसी के आरोप में रॉकी को गिरफ्तार कर लिया गया, रॉकी लंबे समय तक चंडीगढ़ की बुरैल जेल में बंद था. इसी दौरान रॉकी की मुलाकात शेरा खुब्बन तथा जयपाल भुल्लर से हुई थी और इनकी दोस्ती हो गई. इसके बाद कोर्ट ने रॉकी को डिंपी मर्डर केस में बरी कर दिया. शेरा और जयपाल भी जमानत पर रिहा होकर बाहर आ गए थे. यह तीनों ने मिलकर एक बड़ी गैंग तैयार कर ली थी. सब कुछ ठीक चल रहा था पर हैप्पी देवरा की कत्ल ने पूरी कहानी बदल दी.शेरा ने फिरोजपुर जिम चलाने वाले हैप्पी देवरा को गोली मार दी, इस कत्ल के बाद शेरा और जयपाल के रास्ते रॉकी से अलग हो गए. हैप्पी देवरा के मर्डर के बाद शेरा का एनकाउंटर हो गया. शेरा के घर वालों का कहना है कि रॉकी नहीं पुलिस को शेरा की जानकारी दी थी. इसके बाद 30 अप्रैल 2016 को जब रॉकी हिमाचल प्रदेश से वापस आ रहा था, उसी समय शिमला हाईवे पर उसकी गाड़ी पर गोलियां बरसाई गई, जिसमें रॉकी बुरी तरह घायल हो गया और उसी समय उसकी मौत हो गई. इसके अगले दिन ही जयपाल ने फ़ेसबुक पोस्ट करके इस हमले की जिम्मेदारी ले ली. तो कुछ ऐसी थी जसविंदर सिंह रॉकी की कहानी.