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JAGGU BHAGWANPUR Real Storys & Biography
जग्गू भगवानपुर का रियल नेम जसदीप सिंह है. एक समय सुक्खा और जग्गू साथी हुआ करते थे. जग्गू पर लूट, डकैती और हत्या के 26 से भी ज्यादा केस दर्ज है. पुलिस द्वारा अकाली दल लीडर मुखजीत सिंह मुखा के एनकाउंटर के बाद जग्गू का नाम सुर्खियों में रहने लगा था. यही वह समय था जब पंजाब के लोगों ने एक और खतरनाक गैंगस्टर जग्गू के बारे में जाना. बहुत से केसो में नाम होने के कारण पुलिस उसे कई जिलों में शिफ्ट कर चुकी है, फिलहाल वह पटियाला जेल में बंद है
कई साल पहले ही जग्गू के सर से उसके पिता का साया उठ गया था. उसका एक भाई भी है जो विदेश में रहता है. स्कूल के समय दसवीं तक लोग जग्गू को जसदीप सिंह के नाम से जानते थे, 11वीं में आते ही वह जुर्म की दुनिया में घुस गया और फिर चाह कर भी वापस ना जा सका. भगवानपुर गांव से थोड़ी ही दूर पर एक गांव धीयानपुर में हुए एक कत्ल में जग्गू का नाम आया और यही केस जुर्म की दुनिया में उसका आधार बना.
जुर्म की दुनिया में जग्गू का बॉस गैंगस्टर गुरी था. गुरी अब इस दुनिया में नहीं है. गुरी की बदौलत ही जग्गू एक गैंगस्टर बना, कहां जाता है कि अमृतसर के गैंगस्टर बब्बा का कत्ल भी जग्गू ने ही किया था. इस समय तक जग्गू का नाम जुर्म की दुनिया में तेजी से बढ़ रहा था और इसी के साथ ही पुलिस भी उसको पकड़ने में जोरों-शोरों से लग गई थी. 16 जून 2015 की शाम पुलिस नाके पर घात लगाकर जग्गू का इंतजार कर रही थी, पर उस दिन गलती से जग्गू की जगह अकाली दल लीडर मुखजीत सिंह मुखा मारा गया था.
इस एनकाउंटर के बाद पुलिस ने जग्गू को पकड़ने का अभियान और तेज कर दिया था. आखिरकार जग्गू को बोपाराय गांव में गिरफ्तार कर लिया गया. सन 2000 में जग्गू ने लव मैरिज की थी, पर शादी के तीन चार महीने बाद ही पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था. फिलहाल जग्गू अभी पटियाला जेल में बंद है. उसके बावजूद जब भी कोई गैंगवार होता है तो सबसे पहले जग्गू का ही नाम लिया जाता है. उसकी मां का मानना है कि जग्गू पर जीतने भी आरोप लगे हैं उन्हें बढ़ा चढ़ाकर बताया गया है.
दोस्तों शायद आपको पता ही होगा कि जग्गू अपने दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए हुस्न का भी सहारा लेता था. जब वह गिरफ्तार हुआ तो उसकी गिरफ्तारी के बाद उसकी प्रेमिका को भी पकड़ा गया था, वह जग्गू के दुश्मनों को अपने हुस्न के जाल में फसाकर जग्गू के ठिकाने पर ले आती थी. इसके बाद जग्गू अपने दुश्मनों को सबक सिखाता था. जेल में होने के बावजूद उसे दुश्मनों के हर काम की खबर होती है
जग्गू के परिवार वालों को इस बात का भी डर सताता रहता है कि कहीं जिस तरह सुक्खा की मौत पुलिस कस्टडी में हुई थी वैसे ही जग्गू के साथ ना हो जाए. जग्गू की पत्नी हरमनजीत अपनी 5 साल की बच्ची के साथ रह रही है. शादी के कुछ महीने बाद ही जग्गू को भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. उसकी पत्नी ने उसे बहुत समझाया लेकिन उसने जुर्म की दुनिया को नहीं छोड़ा. दोस्तों तो कुछ ऐसी है जग्गू भगवानपुर की स्टोरी.