कुख्यात गैंगस्टर दविंदर बंबीहा बेहद शातिर और बेरहम इंसान था. किसी को मारना इसके लिए बाएं हाथ का खेल था. इस पर हत्या, हत्या के प्रयास और मारपीट के कुल 20 से भी ज्यादा मामले दर्ज थे. स्कूल के दिनों में यह कबड्डी खेलने का शौकीन था, तथा आम लड़कों की तरह स्कूल जाता था, पढ़ने लिखने में भी काफी होशियार था. स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद इसने कॉलेज में दाखिला ले लिया और यहीं से इसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. जब यह बि.ए. के आखिरी साल में था उसी समय गांव में राजा नाम के एक लड़के का कत्ल हो गया और इस कत्ल में दविंदर का भी नाम आ गया था.
2010 में इसी केस के सिलसिले में जब उसे फरीदकोट में पेसी के लिए ले जाया जा रहा था, उसी समय दविंदर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. इसके बाद वह पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक गैंगवार और कत्ल करता चला गया. उसके दादा के अनुसार केसो की पैरवी में उनकी सारी जमीन और घर बिक गए थे. इसने फरवरी 2016 में सरपंच रवि ख्वाजके को एक विवाह समारोह के दौरान 14 गोलियां मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया था. वह अक्सर सोशल मीडिया के द्वारा अपने विरोधियों को चेतावनी दिया करता था
दविंदर गैंग की पंजाब के 2 बड़े गैंगो जग्गू गैंग और जयपाल गैंग के साथ छत्तीस का आंकड़ा था, तथा इनके बीच गैंगवार होते रहते थे. दविंदर गैंग ने जग्गू गैंग के दो आदमियों को किडनैप कर लिया था. जिसमें एक की हत्या कर दी तथा एक को गोली मारकर घायल कर दिया था. इस घटना के बाद दोनों गैंगो के बीच बड़े गैंगवार की आशंका जताई जा रही थी. दविंदर गैंग की दुश्मनी गैंगस्टर गुरप्रीत सेखों तथा विक्की गौंडर के साथ भी थी. शेरा गैंग के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर जयपाल से भी दविंदर गैंग की दुश्मनी हो गई थी.
सितंबर 2016 में भटिंडा पुलिस को गैंगस्टर दविंदर बंबीहा तथा तारा दोसांझ के फूल की नजदीक एक ढाणी में होने की सूचना मिली. पुलिस ने तुरंत पूरे गांव की घेराबंदी कर ली. इस दौरान दविंदर तथा उसके 2 साथी कार से भागने का प्रयास किए, पर पुलिस ने कार को घेर लिया, इसके बाद बंबीहा तथा उसके साथी कार से निकलकर खेतों की ओर भागने लगे, पुलिस भी उनके पीछे लगी हुई थी. इसी दौरान दविंदर तथा उसके साथी ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद पुलिस द्वारा की गई जवाबी फायरिंग में बंबीहा को तीन गोली लगी, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था. दविंदर का एक साथी भागने में कामयाब हो गया था, जबकि एक को पुलिस ने धर दबोचा था. ऐसी है दविंदर बंबीहा की स्टोरी.