DALJIT BHANA Real storys



सुक्खा काहलवां का जिगरी यार दलजीत भाना अपराध की दुनिया में इतना बेखौफ हो चुका था, कि वह किसी से नहीं डरता था. और जाली पासपोर्ट के सहारे ही 5 देशों की सैर करके वापस भारत आ गया था. दलजीत भाना के माता पिता विदेश में है. और वह खुद भी अमेरिका जाना चाहता था. गैंगस्टर बनने से पहले वह शास्त्रीय नगर के एक एजेंट के जरिए साउथ अमेरिका पहुंचा. एजेंट द्वारा भाना को साउथ अमेरिका के पेरू एरिया से डोकी के जरिए अमेरिका भेजा जाना था. लेकिन वह नहीं जा सका और उसे वापस बुला लिया गया.

इसके बाद दलजीत भाना और प्रेमा लाहौरिया के बीच दुश्मनी हो गई, और दोनों एक दूसरे कि खून के प्यासे हो . दलजीत भाना ने अपने साथियों के साथ मिलकर सरेआम बस्ती बाबा खेल एरिया में प्रेमा लाहौरिया के समर्थक प्रिंस की मई 2012 में सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी. गोलीबारी में कई लोग घायल भी हुए. इसी घटना के कुछ महीने बाद ही प्रिंस की हत्या के मामले में पैरवी कर रहे दीपांश और सिमरन कि फरवरी 2014 में बस्तियात इलाके में दिन निकलते ही सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई।

पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश कर रही थी. इसी बीच इन गैंगस्टरों की अलग-अलग गुड बन गए. प्रेमा लाहौरिया ग्रुप हरजिंदर गोंडर के साथ जुड़ गया, जबकि दलजीत भाना सुक्खा काहलवां गुट के साथ जुड़ा. परिणाम स्वरुप जनवरी माह में प्रेमा लाहौरिया, हरजिंदर गोंडर मिलकर पुलिस कस्टडी में सुक्खा काहलवां की सनसनीखेज वारदात में हत्या कर दी. वारदात के बाद राज्य के सभी जिलों की पुलिस गैंगस्टरों को पकड़ने में लगी हुई थी.

आखिरकार पुलिस की बेजोड़ प्रयासों के बाद 2015 में दलजीत सिंह भाना वह उसके चार साथियों को पटियाला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गैंगस्टर दलजीत भाणा वह उसके साथी उस समय कुछ दिनों से पटियाला यूनिवर्सिटी के निकट पि.जी. में छिपकर रह रहे थे. उनके पास से भारी मात्रा में असला बरामद हुआ था. भाना 3 सालों से जालंधर पुलिस का वांटेड था, पर पटियाला पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया. भाना के गिरफ्तार होते ही यह बात सामने आई थी कि वह सुक्खा की मौत का बदला लेने की फिराक में था