कुख्यात सुपारी किलर बलराज भाटी मूलतः उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का रहने वाला है. क्राइम की दुनिया में आने से पहले बलराज भाटी दिल्ली पुलिस में आरक्षक था. नौकरी के दौरान ही एक हत्या के आरोप की वजह से उसकी नौकरी चली गई थी, इसके बाद बलराज अपराध की दुनिया में आ गया. बलराज को कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी का दाहिना हाथ माना जाता है. सुंदर भाटी फिलहाल जेल में बंद है. इस समय सुंदर भाटी गैंग का संचालन बलराज ही कर रहा है. सुपारी लेकर हत्या करना अब बलराज का मुख्य काम बन चुका है.
दोस्तों बलराज भाटी को एक आम इंसान से एक सुपारी किलर बनाने में पप्पू कटार का भी बड़ा हाथ था. एक बार की बात है, गांव की जमीन को लेकर हुए विवाद में पप्पू कटार ने अपने आदमियों के साथ मिलकर बलराज भाटी को बहुत मारा, इसके साथ ही पप्पू कटार ने बलराज भाटी पर झूठा केस लगाकर थाने में पुलिस के हाथों भी उसकी बहुत पिटाई करवाई. इस मार का बलराज पर उल्टा असर पड़ा, वह कटार से डरने की बजाय उसे ठिकाने लगाने का मौका तलाशने लगा और इसी के साथ बलराज भाटी जुर्म की दुनिया में उतर गया.
बलराज भाटी ने अपने एक साथी सोनू के साथ मिलकर पहली हत्या की सुपारी ले ली, लेकिन उसका शिकार उनकी गोलियों को चकमा देकर बच निकला. साल 2007 में बलराज भाटी पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ और इसी मामले में गिरफ्तार करके बलराज भाटी को बुलंदशहर जेल भेज दिया गया, जेल में ही बलराज भाटी की मुलाकात कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी से हुई और दोनों में अच्छी दोस्ती भी हो गई. सुंदर भाटी ने बलराज को सुपारी किलिंग की सारी बारीकियां सीखा दी थी.
जेल से छूटने के बाद ही बलराज भाटी ने सिकंदराबाद के एक आदमी की सुपारी लेकर हत्या कर दी. इस हत्या के बाद 3 साल तक बलराज चुप रहा, लेकिन 2012 में एक बार फिर से बलराज भाटी का नाम सुर्खियों में आया जब उसने अपने पुराने दुश्मन पप्पू कटार और उसकी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद बलराज भाटी जुर्म की दुनिया में घुसता चला गया और उसका अगला शिकार बना कुख्यात अपराधी नंदू उर्फ रावण. इसके बाद कुछ दिनों तक चुप रहने के बाद जून 2014 में बलराज का नाम फिर सुर्खियों में आया जब नोएडा में हुई भाजपा नेता विजय पंडित की हत्या में बलराज गैंग का नाम आया. दोस्तों बलराज भाटी हर बार पुलिस को चकमा देकर बच निकलता है, सरकार ने बलराज के सर पर 50,000 का इनाम भी रखा हुआ है. तो ऐसी है बलराज भाटी की स्टोरी.