अमित भूरा का रियल नेम अमित मलिक है. गोरा रंग होने की वजह से जुर्म की दुनिया में इसका नाम 'भूरा' पड़ गया. अमित भूरा मूलतः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. भूरा पहली बार चोरी की मामूली घटना के लिए गिरफ्तार हुआ था. उस समय उसकी उम्र बस 16 साल थी और वह कक्षा दसवीं में पढ़ रहा था. 2002 में जेल से छूटने के बाद अमित भूरा अपने साथियों के साथ मिलकर उस आदमी को ठिकाने लगा दिया जिसकी वजह से उसे जेल जाना पड़ा था. 2002 ही में उसने तेलगांव के उदयवीर काला पर हमला किया और उसे भी मौत की नींद सुला दिया.
इन हत्याओं की वजह से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इसके नाम का खौफ बढ़ने लगा था. इसके बाद अमित भूरा का अगला शिकार बना बागपत का नामी गैंगस्टर धर्मेंद्र, अमित भूरा द्वारा किए गए हमले में धर्मेंद्र तो बच गया पर उसके पिता, भाई तथा चाचा मारे गए. इस तिहरे हत्याकांड के बाद पुलिस भूरा को पकड़ने के लिए जी जान से जुट गई. इसी बीच भूरा ने कई टोल नाकों को लूटा इसके बाद पुलिस ने प्लानिंग करके अमित भूरा को गिरफ्तार कर लिया, पर पुलिस उसे ज्यादा दिन तक हवालात में रख नहीं पाई.
एक साल तक जेल में रहने के बाद भूरा 10 फरवरी 2011 को पेशी के दौरान फरार हो गया. इस फरारी में उसका साथ उसके गांव के ही एक हेड कांस्टेबल ने दिया था. जेल से फरार होने के बाद भूरा ने लूट की कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया. इन लूट की वारदातों के 3 महीने बाद ही जून 2011 में पुलिस ने भूरा को फिर से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इस बार भी साढ़े तीन साल तक जेल में रहने के बाद वह जेल से फरार हो गया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस ने भूरा के सर 12 लाख का इनाम रख दिया था.
आखिरकार दिसंबर 2015 में पुलिस ने फिर से अमित भूरा को गिरफ्तार कर लिया और फिलहाल वह अभी पंजाब के पटियाला जेल में बंद है. जेल में बंद होते हुए भी उसके नाम से चल रहे दो फ़ेसबुक पेज हमेशा अपडेट होते रहते हैं. दोस्तों अमित भूरा को महंगी लग्जरी कारों में घूमने तथा गर्लफ्रेंड रखने का बहुत शौक था. हरियाणा पुलिस की माने तो भूरा अकेले ही किसी भी कार को लूट लेता था. इसके बाद लूटी हुई कार का नंबर प्लेट बदलकर इसमें अपनी गर्लफ्रेंड को घुमाता था
दोस्तों कहा जाता है कि भूरा को गर्लफ्रेंड का इतना शौक था कि वह एक ही समय में 6-6 गर्लफ्रेंड मैनेज करता था. पुलिस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि भूरा चलते अपराध करने में माहिर है. सड़क पर चलते चलते ही वह कार लूट लेता था. टोल प्लाजा लूटने में तो भूरा को महारत हासिल थी, कहां जाता है कि उसने सिर्फ तीन से चार आदमियों के साथ मिलकर टोल प्लाजा लूटे हैं. दोस्तों तो कुछ ऐसी है अमित भूरा की कहानी.