1993 मुंबई बम धमाकों के आरोपी अबू सलेम का जन्म 1968 में आजमगढ़ जिले के सरायमीर गांव में एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था. अबू सलेम के पिता पेशे से वकील थे. बचपन में ही पिता की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद घर संभालने की जिम्मेदारी अबू सलेम के कंधों पर आ गई और वह मेकैनिक का काम करने लगा. हालांकि इस बीच इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद अबू सलेम ने घर छोड़ दिया और उसके बाद कभी लौटकर नहीं आया.
अबू सलेम ने पहले दिल्ली की ओर रुख किया और वहां टैक्सी चलाने लगा. अपने रिश्तेदार के कहने पर उसने मुंबई का रुख किया. हालांकि देश की आर्थिक राजधानी में आने के बाद भी अबू ने एक बार फिर टैक्सी ड्राइवर का काम किया. इसके बाद अबू सलेम ने और भी बहुत से काम किए जैसे कि बांद्रा और अंधेरे के बीच ब्रेड डिलीवरी का काम, एक कपड़े की दुकान में काम करना इसके अलावा 1987 में अबू सलेम ने एक रियल स्टेट ब्रोकर के तौर पर भी काम किया.
रियल स्टेट ब्रोकर बनने के दौरान ही मुंबई में माफिया लोगों से उसकी पहचान हुई और वह क्राइम की दुनिया की तरफ बढ़ चला. एक समय वह दाऊद इब्राहिम का निकट सहयोगी था और उसे दाऊद का दाहिना हाथ माना जाता था. 1988 के दौरान अबू सलेम पर अपने ही साथी से जबरदस्ती पैसा वसूल करने का आरोप लगा. यहीं से अबू सलेम ने क्राइम की दुनिया में प्रवेश किया. जबरन वसूली के इस मामले में अबू सलेम पर पहला केस दर्ज किया गया
1989 से वह दाऊद के कुछ जमीन से जुड़े काम देखना शुरू किया. यहीं से अबू सलेम दाऊद के छोटे भाई अनीस इब्राहिम के संपर्क में आया और फिर वह हथियारों की डिलीवरी का काम देखने लगा. इसके बाद 1990 में दाउद ने अबू सलेम को डी-कंपनी की देखरेख का काम सौंप दिया. फिर दाऊद के इशारे पर अबू सलेम ने फिल्मी सितारों और बड़े कारोबारियों से जबरन वसूली करने का काम शुरू कर दिया.
अबू सलेम ने दुबई में एक बिजनेस भी शुरू किया जिसे किंग ऑफ कार ट्रेडिंग का नाम दिया गया. 1995 में अबू सलेम ने बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को भी हथियार सप्लाई किए थे. संजय दत्त की अबू सलेम से यह रिश्ते उसे काफी भारी पड़े. और उसे जेल जाना पड़ा था. 1993 के बम धमाकों में अबू सलेम का बड़ा हाथ था. इस धमाके में लगभग 250 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग बुरी तरह घायल हो गए थे. इस धमाके में 27 करोड़ की प्रॉपर्टी का भी नुकसान हुआ था
इसी दौरान अबू सलेम ने एक बिल्डर ओमप्रकाश कुकरेजा की भी हत्या कर दी. जब पुलिस ने बम धमाकों के संदिग्ध लोगों की खोज शुरू की तो अबू सलेम देश छोड़कर फरार हो गया था. 1997 में अबू सलेम पर संगीत की दुनिया के दिग्गज गुलशन कुमार को भी मारने का आरोप लगा. गुलशन कुमार की हत्या और फिल्म निर्देशक राजीव राम और राकेश रोशन को मारने के प्रयास के जुर्म में उसकी भारत सरकार को तलाश थी. अबू सलेम पर फिल्म एक्ट्रेस मनीषा कोइराला के सेक्रेटरी की हत्या का भी आरोप है. 1998 में मनीषा कोइराला को फोन पर धमकी मिली थी. इस मामले की शिकायत मनीषा ने मुंबई पुलिस से की थी. यही नहीं डॉन के पैसा मांगने पर मनीषा के सेक्रेटरी ने उसे फोन करके और धमकी देने से मना किया था. ऐसा आरोप है कि सेक्रेटरी की बात सुनकर अबू सलेम ने उसकी भी हत्या करवा दी थी. इस मामले में भी उसके खिलाफ मुंबई पुलिस के एक थाने में केस दर्ज किया गया था.
अबू सलेम की पहली शादी समीरा जुबानी से हुई थी. इनकी दो बच्चे होने के बाद इनका तलाक हो गया इस समय समीरा अमेरिका के जॉर्जिया में रह रही है. बाद में मोनिका बेदी को देखते ही अबू सलेम उन पर फिदा हो गया. फिल्म अभिनेत्री मोनिका बेदी के प्यार में पागल सलेम उसे साथ ले विदेश फरार हो गया था. 20 सितंबर 2002 को इंटरपोल की मदद से पुर्तगाल में उसे मोनिका बेदी के साथ गिरफ्तार किया गया था